मेरा पहला प्यार

दोस्तों जैसा कि मैंने बताया था अपनी पिछली पोस्ट  में की मैन एक लड़की को  purpose कर दिया था अब आगे ।।


मैने purpose कैसे किया था बताता हूँ मुझे कुछ भी नही पता था लंच का समय था वो पालक की सब्जी और पराठे बनाकर लायी थी उसने मुझे पूछा था खाने के लिए ।। मैं बस यही प्लान में था मौका मिले मैं purpose कर दूं ।। कुछ लड़कियां क्लास से बाहर चली गयी लड़के भी काफी बाहर चले गए थे  मेरे दीमॉक में बस एक ही बात गूंज रही थी वो तुम्हे पसंद करती है  सुभम और सौरभ की आवाजें मेरे पूरे दिमाक में बार बार आ रही थी।
मैने भी सोच लिया था आज तो कर ही दूंगा , मुझे मौका मिला मैने बोला ,, हय मैं ना तुमको लाइक करता हूँ उसको साथ मे जो लड़की थी चश्मे वाली वो तो मुझे ही देखे जा रही है ,, फिर से मैने उसे बोला मैं तुमको बहुत पसंद करता हूँ ।। वो हँसने लगी और फिर गुस्सा हो गयी बोलने लगी ।।।    धर्मेन्द्र मैं तुमको ऐसा नही समझ रही थी तुम मेरे दोस्त हो । ।बाकी सब तो ठीक था उसने मुझसे या बोला आज के बाद मुझसे कभी बात मत करना ।  मुझे दुख इस बात का होने लगा था कि थोड़ा रिलेशनशिप और बढ़ाने के लिए अपनी दोस्ती से हाथ धो बैठा ।। सब अच्छा था लेकिन वो चश्मे वाली लड़की ने पूरे क्लास में गाना गा दी की धर्मेन्द्र ने उस लड़की को purpose किया और उसने धर्मेन्द्र को रिजेक्ट कर दिया ।। गुस्सा खुद से मुझे तब आने लगी जब सभी क्लास वाले होस्टल तक जान गए थे सारे लोग मेरी मजे लेने लगे ।। 5 ,6 दिन तो मैं क्लास ही नही गया ।  बाद में यही सोच रहा था काश मैं उसे purpose ही न किया होता ।।


ये सब होने के बाद मैं सोच लिया था अब मैं इतना पढ़ाई करूँगा की उससे ज्यादा नंबर ले जाऊंगा ।। कुछ अलग करने की कोशिश में लग गया  मैं सभी लोगों से पढ़ना स्टार्ट किया 
आपने रूम पार्टनर यशवंत उर्फ दद्दा हम लोग प्यार से दद्दा कहते थे उनकी फिजिक्स , केमिस्ट्री ,मैथ बहुत अच्छी थी पूरे होस्टल के लोग उनसे क्वेश्चन सॉल्व कराने आते थे ।। दद्दा हमारे काफी मशहूर थे ।। मेरे पास होने में उनका बहुत बड़ा हाथ है ।। उनकी बातें आज भी मुझे याद है  वो प्यार से मुझे ननका कहते थे।।
  वो बोले ननका तुम अगर मेरे साथ 12 बजे तक पढ़ोगे तो मैं तुम्हे रोल दूंगा खाने के लिए । वो अक्सर मुझे लालच देने लगे कि मैं  पढ़ू और अच्छे नंबर से पास हो जाये ।। ऐसा हुआ भी मैने मेहनत किया और दद्दा से भी ज्यादा जगने लगा ।। और पढ़ाई करने लगा।।

फिजिक्स के लिए हमारे क्लास में आशुतोष मौर्य जी थे उन्हें आज भी मैं sir ही बोलता हूं उनकी वजह से मैं फिजिक्स में पास हुवा था ।



अब मैं थोड़ा क्लास की बात  बताता हूँ  पूरे लेक्चर में लोग सिर्फ एक ही लेक्चर को अटेंड करने से डरते थे वो थी इलेक्ट्रिकल क्लास और क्यों न डरे मैं तो ये कभी सोचा ही नही था कि लोग इंजीनियरिंग कॉलेज में भी मर खाते है ।।
दोस्तो मैं बता दूं  प्रोफेसर  फरहत सर वो मार मरते थे कि चश्मे टूट जाया करते थे ।। हमारे क्लास का अच्छा लड़का था आशुतोष मौर्य ।। उनको इतना मारे की  चश्मा गिर जाने के बाद बोले चश्मा उठाओ उसने चस्मा उठाया ।। उसके बाद भी दो तीन थप्पड़ जड़ दिए ।। सबकी रूह  कांप जाती थी ऐसा कोई बाँदा नही था जो डरता नही था । सब लोग यही चाहते थे कोई लड़का पहले थ्यूरम सॉल्व करके दिखा दे ।।


संदीप यादव की कहानी लड़का बहुत बनता था ,।। थोड़ा जानकार  भी था ।। सर ने एक सर्किट दिया था और बोले equation बना दो और कर्रेंट की दिशा  बनाकर दिखावो।।संदीप ने बहुत जल्दी ही करंट की वैल्यू तक फाइंड कर लिया और सर को दिखाने पहुच गया ।। दोस्तो जो मार पड़ी उसको आज भी याद है हमे । सब लोग यही सोच रहे थे गलत किया होगा ।। उसके बाद सर् बोले जितना कहूँ सिर्फ उतना करके दिखावो मुझे ।। पूरे साल हम लोग सर्किट ही सॉल्व किये थे लास्ट के कुछ महीने छोड़कर ।। हा ये तो था हमारे क्लास में
कुछ ऐसे लड़के थे  जो बहुत बढ़िया थे पढ़ने में बहुत जल्दी थ्येरोम सॉल्व कारन आ गया था  जैसे अर्जुन मौर्य ,राजेश मौर्य ,मंजेश मौर्य ,आशुतोष मौर्य , शुभम , संदीप , और लड़कियां भी कम न थी सबसे आगे थी ।। लक्मी पटेल, शिवानी,


अगर बात करे मेरी तो मैं अभी नकल ही मर रहा था मेरे बगल में आशुतोष बैठा करते थे जो जल्दी सॉल्व कर लेते थे उसमे से नकल करके दिखा दिया करता था  अच्छी बात तो ये थी कभी हमको  मार न पड़ी ।।


अगर बात करे संदीप गुप्ता  की  लड़कियों के पीछे बैठा करता था  लेकिन लड़का पढ़ने में अच्छा था इलेक्ट्रिकल उसकी बहुत अच्छी थी अपने  आगे व बगल में बैठने वाली लड़कियों की हेल्प  करता था।। ये  भी एक कारण था कि उसके मैक्सिमम लड़कियों का नंबर था


अब बात करते है मैथ क्लास की इसमें भी दो तीन लड़को का रेस्पॉन्स बहुत अच्छा रहता था प्रेम सैनी , सुभम , राजेश मौर्य, अर्जुन मौर्य ,  सतेंद्र मौर्य ,ये जितने भी मौर्य थे सब साले सिंगल रहे गए ये सिर्फ पढ़ना और टॉप करना चाहते थे न टॉप किये और न ही परफेक्ट इंजीनियर बन पाए । मीन्स गर्ल फ्रिण्ड नही बना पाए एक को छोड़कर (राजेश मौर्य ।।  )  उन दिनों संदीप यादव सभी क्लास में आगे आगे रहता था लडकिया सब पसंद कर रही थी उसे सब क्वेश्चन में फस जाया करती तो उसी से पूछती थी ।। अब उसको उतना अच्छा मैथ्स का knowdge नही था तो वो क्या करता शुबम से मैथ्स साल्व कराता था 

उसी में एक लड़की थी topper उसने सोचा क्यों न हम्  सुभम से  direct क्वेश्चन पूछ ले ।। बाकी प्रेम बहुत तेज था मैथ में इतना सिम्पल लड़का था कि लड़कियों से बात नही कर पाता था ।। बोलता ही नही था दूर रहता था बाकी वो पसंद करता था एक लड़की को ।। बाकी बात सुभम की उसको इसी बहाने टॉपर पे चांस मारने का मौका मिला ।। उनकी कॉपी एक्सचेंज होने लगे । जानते ही हो कॉपी चेंज तो contact नंबर एक्सचेंज ।।। हा इसी बीच मुझे बहुत अच्छे से याद है ecd का लैब में सब लोग थे  तो उसी में एक सनी गुप्ता था तब उतना नही बनती थी हमारी छोटा था वो भी हाई स्कूल के बाद आया था राजेश मौर्य  मैथ साल्व कर रहे थे  एक क्वेश्चन में राजेश फसा हुवा था  शनि बगल में बैठा था वो लाओ में 20 सेकंड में सॉल्व कर दूं मैथ्स मेरे लिए आम बात है और साला शनि तुरन्त ही साल्व कारके दे दिया ।। दो तीन question और दिया राजेश ने शनि सब साल्व कर दिया ।। फिर क्या था मैं यही सोच रहा था मैं कितना पीछे हुन सभी को आता है ।।
 शनि से अछि दोस्ती ही गयी ।। ये मेरे रूम में आने लगा और दोस्ती होती क्यों न दोनों लोग पढ़ने में कमजोर और हाई स्कूल बाद आये थे ।। starting में बहुत सिंपल लड़का था शनि हमारा होस्टल से निकलते निकलते वो गालिया देने लगा था बोले तो लौंडा बड़ा हो गया था ।। शनि की भी कोई पसंद थी।।  था छोटा मगर पसंद टॉपर की आस पास वाली लड़की थी जो कि उसके रेंज से बहुत बाहर थी ।। मुझसे बोलता क्या था ।। थोड़ा बलगर है गलत मत लेना दोस्तों ।। मुझे उसके लिप्स बहुत पसंद है । और उसके चेहरे पे जो थोड़े बाल गिर जाते है और वो उसे जब उठती है तो मेरा दिल यही कहता है काश ये मेरी हो जाती ।। लेकिन क्या करता  बेचारा  क्योंकि उसके रेंज से बहुत बाहर थी ।।


रही बात हमारी हम तो रिजेक्ट हो चुके  थे ।।  बस यही सोच रहे थे कि हम क्या करे कि  उसको    दिखाए की हम् बहुत अच्छे है  तुम हमे रिजेक्ट करके गलत किये । हमेशा यही सोचा करते । कॉलेज में क्रिकेट टूर्नामेंट स्टार्ट होने वाले थे 
सभी ब्रांच की टीम बनाई जा रही  थी और हम भी मैच खेला करते थे अब हम यही सोच रहे थे कि हमारा भी सेलेक्शन हो जाएगा इसमे हम भी खेलेंगे ।यहाँ से भी हमें   मौका नही मिला  की हम् फेमस हो पाए लोंगो के नजरों में आये । मतलब उनकी  नाजरों में आ जाए । यहाँ भी फर्स्ट ईयर से कोई खेला तो वो था टॉपर का लवर ( शुभम) मतलब बंदे ने टॉपर भी ले गया और अब क्रिकेट में भी आ गया ।। वो भी opener भाई हम अब भी कुछ न कर पाए थे ।। नेक्स्ट स्टोरी लेकर आऊंगा कैसे मैं फेमस टटेंशन मत मेरी लव स्टोरी अभी बाकी है

English translation:

Friends, as I told you in my previous post, the l had given purpose to a girl, now further.

 I tell you how I did the purpose, I did not know anything. It was lunch time. She had brought spinach vegetable and parathas. She had asked me to eat.  I was in this plan, I should get a chance.  Some of the girls went out of class, the boys had also gone out quite a lot, the only thing was echoing in my mind , she likes you, Subham and Saurabh's voices were coming again and again in my whole mind.  I had also thought that I will do it today, I got an opportunity, I said, I do not like you, the girl who was with me, she is being seen by me, again I told her I  I like it a lot ..  She started laughing and then started getting angry.  Dharmendra, I did not think of you as such, you are my friend.  The rest was fine, he said to me or never talk to me after today.  I was beginning to feel sad that I lost my friendship to increase my relationship a bit.  All was good but the girl with glasses sung the song in the whole class that Dharmendra intended that girl and she rejected Dharmendra.  I started getting angry with myself when all the class hostels knew that all the people started enjoying me.  5, 6 days, I did not go to class only.  Later I was thinking that I wish I had not done it.

 After all this, I thought that now I will study so much that I will take more number than that.  I started trying to do something different, I started reading from everyone
 Your room partner Yashwant alias Dadda, we used to call Dadda affectionately, his physics, chemistry and math were very good, people from all over the hostel used to come to him to solve questions.  Dadda was quite famous for us.  They have a big hand in being with me.  I remember his words even today, he used to fondly call me Nanka.  He said that if you read with me till 12 noon, I will give you a roll to eat.  He often started tempting me that I should study and pass with a good number.  Even as it happened, I worked hard and woke up more than Dadda.  And started studying.

 Ashutosh Maurya was in our class for Physics, I still speak him only sir because of him I had passed in Physics.


 Now let me tell you about a little class, people were afraid to attend only one lecture in the whole lecture, that was the electrical class and why not be afraid, I never thought that people would die in an engineering college.
 Friends, let me tell Professor Farhat Sir he used to die that glasses used to be broken.  Ashutosh Maurya was a good boy in our class.  After hitting the glasses so much that he said, pick up the glasses and he smoked.  Even after that, two or three slaps took root.  Everyone's soul was shivering. There was no such bond that was not afraid.  Everyone wanted this to be shown by a boy by first solving the thurum.

 The story of Sandeep Yadav was very much like a boy.  Was also a little knowledgeable.  Sir gave a circuit and said create an equation and show the direction of the current. Sandeep very soon found the current value and reached to show the head.  Friends, I remember the person who killed us even today.  Everybody was thinking that they must have done wrong.  After that all the words said, show me only as much as I can.  Throughout the year, we had solved the circuit except a few months of the last.  Yes this was in our class
 There were some boys who were very good, very early in reading, Theorem Solven had arrived like Arjun Maurya, Rajesh Maurya, Manjesh Maurya, Ashutosh Maurya, Shubham, Sandeep, and girls were also at the forefront.  Lakmi Patel, Shivani,

 If I talk to me, I was still dying imitation, Ashutosh used to sit next to me, who used to solve it quickly and used to show me by copying it, so my good never got killed.

 If talking, Sandeep used to sit behind Gupta's girls but the boy was good in reading, his electrical was very good, he used to help the girls sitting next to him.  This was also one of the reasons that her maximum number of girls was

 Now let's talk about the response of two or three boys in the math class, it was very good Prem Saini, Subham, Rajesh Maurya, Arjun Maurya, Satendra Maurya, all these Mauryas were single, they just wanted to read and top.  Neither topped nor was able to become a perfect engineer.  Means Girl could not make a frind (Rajesh Maurya.) Those days Sandeep Yadav used to be ahead in all the classes, the girl was liking everyone and asked her if she would get caught in all the questions.  Now he did not know that good maths, so what would he do to get maths done with Shubam

 There was a girl in the same topper, she thought, why not ask Subham for direct question.  The rest of the love was very fast, there was such a simple boy in Math that he could not talk to girls.  He did not speak, he used to stay away, but he liked a girl.  The rest is Subham's chance to hit the topper on the same pretext.  His copy began to be exchanged.  If you know, copy change then contact number exchange ...  Yes, in the meantime, I remember very well, everyone was in the lab of ecd, so there was a Sunny Gupta in it, then it was not so much that we were younger. He too came after high school. Rajesh Maurya was doing Math Salve Rajesh in a question.  Was stuck, Saturn was sitting next to me, he can solve in Lao in 20 seconds. Maths is common for me and Sala Shani immediately gave salve.  Two, three questions and Diya Rajesh salve all Saturn.  Then what was it I was thinking how far behind I am.  Good friendship with Saturn only.  It started coming to my room and friendship would be why both people were weak in studies and came after high school.  In the beginning, there was a very simple boy, Shani came out of our hostel and he started cheating.  Shani also had a liking.  Was small but liked Topher's girl who was very out of her range.  What did he say to me?  Little force is wrong, do not take friends.  I like her lips very much.  And the few hairs that fall on her face and when she wakes her up, this is what my heart says I wish it had become mine.  But what a poor thing because it was so out of range.

 Now we have been rejected.  Just wondering what we should do to show him that we are very good, you have rejected us and done wrong.  Always thought the same.  Cricket tournaments were to start in college
 All the branch teams were being formed and we used to play matches, now we were thinking that we will also be selected in this, we will also play. From here also we did not get a chance that we could get into the eyes of the famous people.  Means get into their eyes.  Here too, when someone played for the first year, he was the topper's lover (Shubham), meaning the guy also took the topper and now he has also joined cricket.  We were still opener brothers, we still could not do anything.  I will bring the next story, How do I not get famous extension? My love story is yet to come.

Comments

  1. भाई आपको सबके सामने प्रपोज़ नही करना चाहिए था क्योंकि लड़किया कभी नही चाहती कि उनकी रिलेशनशिप के बारे में कोई जाने फिर भी कोई बात नही हर चीज से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है

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    1. Wow great sir you have experience I think ... Right

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  2. तुम एहसान कर रही हो ना मोहबत नही जान पहचान कर रही हो ना nice story

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    1. Isilye hmm apko shayr kahte kyuki tum batain bhi sharyi me karte ho

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  3. Kya baat sir kamal ki story h apki

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