New year party in hostel , some memorable moment fgp

दोस्तो जैसा कि मैं अपनी होस्टल लाइफ की इंट्रेस्टिंग कहानी बता  रहा था उसी के आगे अब । feroze gandhi polytechnnic ,rae bareli hostel

हम हर साल नया साल मानते है । होस्टल लाइफ की और कॉलेज लाइफ की  ये मेरा पहला नया साल था । वैसे मेरा कोई मतलब नही था कि मैं भी मस्ती  करूँगा । ऐसा कुछ प्लान  नही था मेरा ।। मेरी वही नार्मल लाइफ थी । होस्टल के कुछ फेमस लड़के थे जिसमे  सौरभ, विवेक सिंह ,सुभम सिंह और भी लड़के जिनका नाम  आगे था इन लोगों ने हमारे वार्डन
इंजीनियर रामचंद्र  सर् से परमिशन भी लिए थे ।।  बात करे यदि इंजीनियर रामचंद्र सर् की सर् सिम्पल स्वभाव वाले थे । लड़को का बहुत सपोर्ट करते थे ।  बाकी लड़के पीठ पीछे, कुछ लोग  सामने ही गंदे वर्ड्स बोल देते थे । सर् सबको अपने लड़के की तरह समझते थे । इनका मानना था कि लडके इसी उम्र में गलतियां करते हैं  धीरे धीरे लड़के सीखेंगे बहुत ही अच्छा व्यवहार था  हमारे रामचंद सर् का।।


और भी   fgp हॉस्टलर्स अपना तैयारियां किये थे नया साल मनाने का जैसे बहुत लड़के थे जो bear मादक पदार्थ की भी व्यवस्था किये थे । इंटरेस्टिंग बात ये भी थी हमारे होस्टल के ठीक सामने गर्ल्स हॉस्टल था इंजीनियरिंग लाइफ में मस्ती आम बात थी ।।। बात यदि  कॉम्पिटिशन गर्ल्स से हो  तो लड़के वैसे भी पीछे नही रहते है
कुछ लड़को के पास तो  गर्ल्स होस्टल की लड़कियों का contact नंबर थे ही जिससे लड़को को जानकारी मिली थी कि लड़कियां नया साल मना रही है । अब लड़के पीछे कैसे हट सकते है ।


मुझे बहुत अच्छी तरह याद है सुभम सिंह  का रूम सजाया गया था  और केक  भी मंगाये गए थे । साथ मे खाने पीने के मटेरियल्स भी माँगये गए थे l होस्टल के लेजेंड लड़के जो पार्टी में शामिल थे ।और पार्टी करने में  भी ये लड़के पूरे होस्टल में आगे रहते थे  ।।
 सचिन , सौरभ , शुभम , रवीश , अभिशेक , विपिन यादव , रोबिन , अजय ठाकुर, अरबाज , मोहसिन हुसैन , प्रतीक बरनवाल , रोहित शर्मा , प्रेम सैनी ,ऐसे ही बहुत लड़के थे मैं किनका किनका नाम लूं ।।
जो कही भी पार्टी हो सामिल हुवा करते थे ।।

12  बजने को ही थे । । और केक काटने की तैयारी में लगे थे । वार्डन सर् को बुलाया गया
वार्डन सर् आये केक काटे । केक काट कर चले गए  ।।उनके जाने के बाद ही स्टार्ट होता है । इधर लड़के तोड़ना फोड़ना , चिल्लाना शुरु करते है । उधर लड़किया भी चिल्लाना स्टार्ट करती है  मानो कॉम्पिटिशन हो  जाता है ।
इधर लड़के इतना शोर मचाना शुरु किये । की आवाज पूरे कैम्पस में आवाज  गूंज रही थी । पता नही कैसे ये बातें डायरेक्टर सर् तक पहुंच गई। और डायरेक्टर  हॉस्टल आ गए ।  रामचंद्र सर् के आने से पहले ही ।

ये दूसरा चैप्टर था मेरी लाइफ का  कि इस तरह  से भी पिटाई की जाती है
। वैसे सबसे पहले डायरेक्टर RP sharma  सर् चौहान के रूम में जाते बिना कुछ पुछे डंडा बरसाना शुरू करते है।
यहाँ तो चलो ठीक है किसी को ज्यादा टुटा फूटा नही सर् पूरा होस्टल घूमते हुए मरते हुए नीचे जाते है । अवनीश के रूम में कई लड़के थे उसमे घुसे और कई लोगों को मार दिए । मैने कभी देखा नही था कि सर् भी गली देते है । इतना तगड़ा मरते भी है बस सुना था सीनियर्स से की सर् मरते बहुत है । हा ये बात भी सही है कोई उनसे नजर उठा कर बात नही करता था । बात करने की बात अलग है अगर डायरेक्टर सर्  सिर उठाकर ग्राउंड को देख लेते थे । तो लड़के ग्राउंड छोड़कर चले जाते थे । स्टूडेंट्स बहुत रिस्पेक्ट भी करते थे ।

कुछ लोगों को ज्यादा लग जाने के कारण बहुत गुस्से में आ गए थे जैसे ही सर् गेट के बाहर जाते है । लड़के अंदर से गेट बंद कर लेते है । लड़को में इतना आक्रोश हो जाता है कि होस्टल की एक ट्यूबलाइट नही छोड़ते है । सब मे ईट मार मार कर तोड़ना  स्टार्ट करते है । विंडो , dustbin  के डब्बे , गिरा कर होस्टल में छीतर बितर कर दिए । लाइट वगैरा फोड़ने में ऐसे लोग भी शामिल थे । जिनके  बारे में अगर जानोगे तो आप यही कहेंगे ।
कि इतना सिम्पल लड़का ये नही कर सकता है ।
अब प्रिंसिपल फिर से आते है। इसबार लड़के अंदर से गेट  लॉक किये थे  अब सर् अंदर आये कैसे लड़के इतने मुँह फट हो गए अन्दर से कुछ  लड़के गली दे रहे है  बाहर से सर् उनको जवाब दे रहे है  । होस्टल की सारी लाइट्स टूटने के कारण बिल्कुन अंधेरा था लड़के कम्बल डालकर जा जाकर गालिया दे रहे थे ।

टास्क  ये था कि प्रिंसिपल अंदर आये कैसे । फिर उन्होने,  मेश का   लॉक बाहर से लगा था उसे तोड़कर सर् अंदर आ गए । अब गैलरी में जो मिला उसे वो मार मारे की लड़के आज भी अपनी हॉस्टल लाइफ याद करते है  ।

अब मैं बताता हूँ कि क्या फूटा फटा था


इस लिस्ट में सबसे पहला नाम था सूर्य नारायण इंस्ट्रुमेंटशन का स्टूडेंट कुछ लड़के तो स्टार्टिंग में इन्हें जानते भी नही थे । लेकिन प्रिंसिपल की मार की वजह से इनका सिर फट गया था । जिससे इनको होस्टल क्या पूरा कॉलेज ही जान गया था

इसी लिस्ट में दूसरे नंबर पे थे ।
धनंजय सिंह मैकेनिकल इनका हाथ टूट गया था रोहित शर्मा इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इनका भी हाथ facture हो गया था ऐसे ही बहुत लड़के थे जिनका कुछ न कुछ कट फट गया था ।। सबसे खास बात तो ये की अगले दिन अखबार में छापकर आता है fgp होस्टल में स्टूडेंट्स ने पार्टी किये और आपस मे झगड़ा कर लिए ।जिससे किसी का सर्  फट गया किसी का हाथ टूट गया गया ।
 मैं अपनी नेक्स्ट कहानी में लेकर आऊंगा । होस्टल की कुछ अंदरूनी यादें।।। fgp hostel

English translation.


Friends, now as I was telling the interesting story of my hostel life.

 We celebrate New Year every year.  This was my first new year of hostel life and college life.  By the way, I did not mean that I would also have fun.  I had no such plan.  I had the same normal life.  There were some famous boys of the hostel, among whom Saurabh, Vivek Singh, Subham Singh and other boys whose names were ahead, they also took permission from our warden engineer Ramchandra Sar.  Talk if the engineer was very simple nature of Ramchandra Sar.  Used to support boys a lot.  The rest of the boys followed behind, some people spoke dirty words in front.  All of them considered themselves like a boy.  They believed that boys make mistakes at this age, slowly boys will learn very good behavior of our Ramchand Sur.

 More hostels had made their preparations to celebrate the new year like there were many boys who had also arranged for bear drugs.  It was also an interesting thing. Girls hostel was right in front of our hostel. Fun was common in engineering life.  If it is about competition girls, boys are not left behind anyway
 Some of the boys had contact numbers of girls from girls hostels, so that the girls got information that girls are celebrating new year.  Now how can boys retreat?

 I remember very well Subham Singh's room was decorated and cakes were also ordered.  Along with the food materials were also demanded. Legend boys of the hostel who were involved in the party. And in the party also these boys were ahead in the whole hostel.  Sachin, Saurabh, Shubham, Ravish, Abhishek, Vipin Yadav, Robin, Ajay Thakur, Arbaaz, Mohsin Hussain, Prateek Barnwal, Rohit Sharma, Prem Saini, there were many such boys whom I shall name.
 Used to be involved in whichever party it was.

 It was only 12 o'clock.  .  And were engaged in preparing the cake cutting.  Warden Sur called
 The warden came to cut the cake.  The cake is cut and gone. Starts only after they are cooked.  Here the boys start breaking and screaming.  On the other hand, the girl also starts screaming as if competition is over.  Here the boys started making so much noise.  The voice was echoing throughout the campus.  Don't know how these things reached the Director's Sur.  And the director hostel arrived.  Even before the arrival of Ramchandra Sur.

 This was the second chapter of my life that is also beaten in this way.  By the way, without going to the room of director Sar Chauhan, he starts showering a few batches.
 Here, let's be okay, don't break anyone too much, all the hostels go down while walking around.  There were many boys in Avnish's room and entered and killed many people.  I had never seen that all people give street.  Even dying is so strong, I had just heard from seniors that dying a lot is enough.  Yes, this is also true, no one used to talk to them by looking at them.  Talking is different if the director used to lift the head and look at the ground.  So the boys used to leave the ground and leave.  Students also used to do a lot of respect.

 Some people got very angry due to overcrowding, as soon as they go outside the gate.  The boys lock the gate from inside.  The boys get so angry that they do not leave a tube light in the hostel.  They all start smashing with bricks.  The windows, dustbin boxes, dropped and scattered to the hostel.  Such people were also involved in the breaking of the light.  If you know about whom you will say the same.  That this simple guy cannot do.
 Now the principal comes again.  This time the boys had locked the gates from inside, now how come the boys have got so many mouths that some boys are giving alley from inside, all the people are answering them from outside.  Due to the breakdown of all the lights of the hostel, it was very dark, the boys were going to cheat by putting on blankets.

 The task was how the principal came in.  Then he, the lock of the mesh was attached to the outside and broke it and came inside.  Now what he found in the gallery is that the boys still remember their hostel life.

 Now I will tell if it was torn

 The first name in this list was the student of Surya Narayana Instrumentation, some boys were not even aware of him in starting.  But his head was severed because of the principal's blows.  Which made them hostel to know the whole college

 It was on the second number in this list.  Dhananjay Singh Mechanical, his hand was broken, Rohit Sharma Information Technology, his hand also became facture. There were many such boys whose cut was broken.  The most important thing is that it comes after printing in the newspaper the next day, in the fgp hostel, the students had a party and quarreled with each other.
  I will bring in my next story.  Some internal memories of the fgp hostel.

Comments

  1. Bhai bilkul right एक नंबर story

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    1. Meri koshish yahi hai ki ek aap log us hostal ko , us college ko jarur imagine kariye bahut achha feel karenge , aur sochte sochte aap usi me doob jaaoge

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  2. Replies
    1. Feel karo un dino , meri koshish hai mai college , digitally shair karaunga

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