फिरोज गाँधी पॉलीटेकनिक रायबरेली की कुछ और यादें ।
फाइनल बोर्ड एग्जाम से पहले ही एक सिलसिला सुरु होता है । डायरी भरवाने का । जो अंतिम वर्ष के छात्र होते है । उनसे सभी जूनियर्स डायरी भरवाते है। और उनकी भी डायरी भरते है । यह एक ऐसी परम्परा थी जो सदियों से चली आ रही थी।इस डायरी को इस याद में लिखी जाती है । कि जब हमारे सीनियर्स यहाँ से पास आउट हो जाएंगे तो उन्हें कैसे याद करेंगे । और वो हमको कैसे याद रखेंगे। वैसे अब तो फेसबुक का जमाना आ गया । मेरे ख्याल से परम्परा ही कॉलज से हट गई है । आज उन लोगों से पूछो जो डायरी भरवाये थे । और अभी भी कैसे डायरी को संभाल कर रखे है।
हम डायरी में क्या क्या लिखते है
इस डायरी में हम अपना इंट्रोडक्शन contact डिटेल्स लिखते है।जीससे हम आने वाले समय मे उनसे संपर्क कर सके । क्योंकि डायरी एक ऐसी चीज़ होती है जिसे लोग संभाल कर रखते है। हम इस डायरी में वो सारी यादे लिखते है । जबसे हम उनसे मिलते है। वो छोटी छोटी बातें लिखते है । जो हम उनके साथ बिताये हुए होते है।कॉलज में रहते वक्त ऐसे ऐसे पल आते है । जिन्हें हम भूल तो नही सकते है । लेकिन भाग दौड़ भारी जिंदगी में हम सब कुछ भूल जाते है। ये डायरी उस याद में भारी जाती है । कि आने वाले फ्यूचर जब कभी आप डायरी लेकर पढ़ने बैठेंगे तो । वो सारे पल याद आ जाएंगे जो हम fgp में रहकर मस्ती किये है। या जो भी टाइम बिताए है। उस वक्त को याद करते है ।
एक छोटा सा उदाहरण बताऊं मैं सभी लोग अक्सर एक दूसरे से अब पूछा करते है । अगर मेरी कॉलज टाइम की फ़ोटो मिले तो मुझे जरूर भेज देना । इसी तरह की बहुत सारी यादे हम डायरी में संजो कर लिखते है।
कॉलेज टाइम जब डायरी भरवाने के लिए सर् को मैं दिया था तो मुझे वो फिलिंग्स नही थी कि आने वाले समय मे हम इसे पढ़ेंगे । और याद करेंगे । बस ऐसे ही लाकर दे दिया था ताकि सर् लोग भर दे। और जब हम पास आउट होंगे तो ।जॉब वगैरा के लिए सर् लोगों को कॉल करेंगे ।
आज जब मैं डायरी पढ़ता हूँ । तो मन ही मन अपने आप को थैंक्स बोलता हूं । कि अच्छा किया था । कॉन्टैक्ट के बहाने ही सही सभी लोगों से डायरी भरवाया था । मैं देखता हूँ डायरी में वो छोटी छोटी यादे fgp की लिखी हुई । जब उसे मैं पढ़ता हुन तो ऐसा लगता है मानो मैं फिर से fgp आ गया हूँ । डायरी में कुछ पिक्चर उसी समय के लगे हुए । फोटोज लगाते वक्त हम लोग यही कहते थे। कि ये फोटो देखेंगे और अपने कॉलज के दिनों को याद करेंगें। डायरी में कुछ करीबी लोग इतनी मार्मिक तरीके से लिखे है । कि ऐसा हो ही नही सकता कि आप उन दिनों को याद करके भावुक न हो जाये।
मेरा आग्रह है । आपसे की आप जाए और अपनी डायरी को ढूढे । और उसे खोलिये । उसे मन से पढ़िए । मैं पूरी आशा के साथ कहता हूं आप उस डायरी में लिखे सब्दो को पढ़कर आप निश्चित रूप से भावुक हो जाएंगे। और आप उन सभी लोंगो के फ़ाइल को पढ़ना स्टार्ट कर देंगे। जो भी भी लोग तुम्हारी डायरी की भरे है। बस यही सोचेंगे उन्होंने हमारे बारे में क्या क्या लिखा है। और जब पूरी डायरी आप पढ़ डालेंगे तो । एक बात जरूर सोचोगे काश ये लोग और लिखे होते । तो हम fgp कॉलज को और याद कर पाते ।
डायरी पढ़ने के बाद आप यही सोचोगे वो दिन कुछ और थे तब हम भी कुछ और थे । और आज का दिन कुछ और हम तो कुछ और ही ही गये।
क्या सच मे डायरी पढ़ने से पुरानी यादें ताजा हो जाती है।
मैं आपको विश्वाश दिलाता हूं । यदि आप डायरी लिखें है । और डायरी दूसरों से भरवाये है। जब भी आप डायरी पढ़ेंगे । आप अपनी पुरानी यादों में ,पुराने दिनों में चले जाएंगे। और आप ढूंढोगे कही मेरा तस्वीर मिल जाये ।
डायरी के हर पन्ने को बहुत ही मन लगाकर पढ़ेंगे। एक पैराग्राफ पढ़कर उन दिनों को याद करोगे । और मन ही मन हंसोगे उन दिनों को याद करके ।
सोचोगे वो भी क्या दिन थे ।।
मेरी पोस्टअच्छी लगे तो कमेंट जरूर करे । missing fgp।missing you my friends।
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