Froze gandhi polytechnic hostel


Fgp हास्टल की कुछ और अनकही और अनसुनी सी बातें जो सायद बहुत ही कम लोग जानते है ।


अगर मैं आप लोगो को बताऊं fgp का होस्टल        कैसा है तो मै     याही बताऊंगा की  fgp  मेंं सारी फैसिलिटी अच्छी है ।अच्छी लोकेशन पे है। बगल में ही ग्राउंड है । बॉलीबॉल कोर्ट है , टेबल टेनिष हॉल है ।अगर मैं खाने की बात करूँ तो सरदार जी का खाना बहुत अच्छा है।  मतलब मेंंश     का खाना।   



हॉस्टल के पीछे रहने वाली लड़कियों पे कमेंट करना 


होस्टल के लड़के यदि मस्ती न करे तो वो होस्टलर कैसे ।
सीधे साधे लड़के भी होस्टल में रहकर बिगड़ जाते है । ये एक नार्मल बात है । ये बात भी उसी ग्रुप की है जो पहले बाहर जाना स्टार्ट किये थे । तीसरे  फ़्लोर वे 204 रूम नम्बर काफी फेमस था उस रूम में अजय ठाकुर ,संदीप गुप्ता, रोहित पटेल, और धर्मेद्र मैकेनिकल रहते थे  होस्टल में आगे आगे रहने की वजह से इन लोगों के रूम में काफी लड़के आते थे । उसी समय की बात है इन लोगों के रूम के बगल में  ही बालकनी थी ई और पीछे बस्ती वगैरा  पास में बस्ती पास में थी जिससे लोग छतों पे दिखाई देते थे ऐसे ही एक घर था जिसमे दो तीन लड़किया रहती थी । बस क्या था लड़के मस्ती करने ले लिए अक़्सर वही पहुच जाते थे । नीचे से भी बहुत लड़के सिर्फ लड़कियों को लाइन मारने के लिए  ऊपर बालकनी में आया करते थे ।


लड़को का वार्डन आफिस के छत पे आना लाइन मारने के 


होस्टल के फ्रंट साइड ,वार्डन आफिस के ऊपर अक्सर लाफ़क कॉपी लेकर बैठा करते थे वो पढ़ते नही थे उनका मकसद अलग रहता था ।सामने गर्ल्स होस्टल पड़ता जो यहॉ से अच्छे से दिखता था । लडकिया छत पे तो दिखती ही थी ।
कुछ रूम्स बालकनी नीचे के भी दिखाई देते थे । इधर लड़के तो मस्ती करते थे । उधर कुछ लड़कियां भी कम नही थी ।
मैं बात कर शनि गुप्ता की ये भी अक्सर मैथ्स लगाने वही पे जाता था । मैथ थोड़ी लगाता था शनि गुप्ता ।। कुछ और ही करने जाता था । ऐसे ही बहुत लड़के सिर्फ देखने जाया करते थे । पता है लड़के कहते क्या थे । मतलब मैं शनि की बात बताऊं क्या कहता था  यार उनको देखकर आंखे ठंडी हो जाती है । पता नही यार ऐसा भी होता है । मुझे पता नही मेरे साथ ऐसा होता नही है ।

एक बार की बात है ।
अजय  ठाकुर वैसे भी सीने तानकर चलते थे । भौकाल में रहते ही थे । उनका ग्रुप भी भौकाली था  । शाम टाइम ये बाहर से कही से रहे थे। गेट पे अक्सर अवनीश सिर बैठा करते ही त थे । जैसे ही गेट से एंट्री मारे  सर् ने इनको बुलाया और ये भाई साहब ऊपर वाली बातें अक्सर खोलकर चलते थे फिर क्या था। सर् ने इनका शर्ट उतरवाया , बनयान उतरवाये और फिर बोले ऐसे ही होस्टल जाओ । अजय ठाकुर फिर गेट से होस्टल तक बीना शर्ट के आये ।।
अवनीश सर्  ये नाम कौन भूल सकता है। जो इनकी क्लास के  मार खाने से बच जाता था तो सर् उनको गेट पे दे ही देते थे । वैसे मेरा तीन साल बहुत अच्छे थे । हर जगह बचता ही गया ।

पानी पीने वाले टैंक में टॉयलेट

होस्टल में अफवाहे अक्सर फैला ही करती थी ।ये बात सच थी या गलत कोई पता नही ।गर्मी स्टार्ट हो गयी थी । जिससे ठंडा पानी सभी पीना पसंद करते थे । अक्सर हम लोग कभी कभी कॉलेज वाले नल पे पानी भरने जाते थे  उसी बीच होसेल मे ये सुनाई दिया कि । पानी कूलिंग वाले टैंक में किसी ने टॉयलेट कर दिया। अब ये सुनकर कोई पानी पियेगा क्या उसमे । हम सच मे कोई नही पियेगा उसमे चाहे वो सही हो या गलत । बाद में पता चलता है कि ये काम।
मोहसिन का है । मुझे भी क्लियर नही हो पाया कि ये काम किसने किया है । हॉलाकि लोग मोहसिन को बोल रहे थे । बोले भी क्यों न मोहसिन लड़का था भी बहुत फर्स्ट ईयर में इतनी गालियां देता था कि कॉलज की सेकंड ईयर तक कि लड़किया इससे डरती थी । कभी भी किसी से भी भीड़ जाया करता था । कॉलेज में ज्यादा ईगो दिखाने वाली कुछ लड़कियां थी । ये उनका ईगो तोड़ने के लिए करता क्या है । 5 रूपये पैसा फेककर बोलता है । इसे उठा लो यही तुम्हारी औकात है । और भी इसी तरह के कुछ वर्ड बोले । हालांकि इनकी शिकायत भी की गयी ।।इसी तरह एक नही कई लड़कियों के साथ मोहसिन ने ऐसा किया था । ऐसा नही था कि लड़कियों को ये रिस्पेक्ट नही करता था। किया उन्ही के साथ था जो ज्यादा ही ईगो दिखा रही थी ।

Comments