my college life story (feroze gandhi polytechnic)



College life 

Hostel के आख़िरी दिन।
Final Exam  हो रहा था और इधर लड़के सब प्लान कर रहे थे । कि सेकंड ईयर में किसके साथ रूम लेंगे । मतलब ये है कि fgp में केवल एक साल ही hostel मिलता है । नेक्स्ट ईयर से आपको बाहर रूम लेकर रहना पड़ता है । सभी लोग अपना अपना तुम पार्टनर चुन रहे थे । सब लोग यही प्लान कर रहे थे कि अपने ब्रांच वाले लड़के के साथ रूम ले । तो आगे पढ़ने में भी बेनिफिट मिलेगा । 

ऐसे में मैं भी प्लान करने लगा कि किसके साथ रहूं मैं ।राजेश प्लान कर रहा था साथ रहने के लिए तो वही सनी भी साथ रहने के लिए प्लान बनाया था । और रविश तो अपना खाश था ही  ऐसे हम लोगो ने प्लान बनाया की हम लोग दो रूम  लेंगे और साथ मे रहेंगे । 

Exam हो गए थे ये लास्ट पेपर था। मुझे याद नहीं लास्ट पेयर किस सब्जेक्ट का था । और दूसरे  ब्रांच के लोगों का  पहले हिं सारे पेपर हो गए थे ।हम लोंगो का ही लास्ट पेपर बचा था। सभी लोग अपना अपना सीनियर चुने थे कि अपना सामान कहा रखेंगे । ऐसे में हम भी अपने सबसे खास senior नीरज sir के रूम पे रखने का प्लान बनाये थे ।

मुझे बहुत अच्छे से याद है । हम लोगों का पेपर सेकंड टाइम था । जैसे ही पेपर देकर लड़के होस्टल पहुचते है । सब लड़को को बोल दिया जाता है । कि आप लोगों को आज ही hostel छोड़ना है । ऐसा करना जरूरी भी है । मैनेजमेंट को ।
मतलब आप चाहे जहा के रहने वाले हो आपको  उसी दिन होस्टल छोड़ना है । ये बोल दिया गया था । बोलने का कारण भी था । अक्सर ऐसा होता है । लड़के जब बाहर निकलने वाले होते है  । तो बहुत तोड़ फोड़ करते है । और लड़के जानते है कि अब तो दुबारा होस्टेल आना नही है । इस वजह से लड़के तोड़ फोड़ और ज्यादा ही करते है। जो कि बहुत गलत है । लेकिन हर जगह कुछ न कुछ लड़के बदमाश हॉते ही है । जिन्हें समझाना मुश्किल होता है ।

Hostel में तोड़फोड़ ।
जब हम होस्टेल पहुँचे तो देख रहे है । सब लड़के अपना अपना सामान पैक करके जा रहे है । कुछ लोग पहले ही पैक कर लिए थे । और अब जाते वक्त बदमासी वो लड़के ज्यादा किये जो साल भर नही किये थे। कोई काँच तोड़ रहा है । कोई ट्यूबलाइट ,खिडकी वगैरा सब तोड़ रहे थे । मतलब जाते वक़्त भि लड़के खूब समान खराब किये । और यही वजह थी । तुरन्त ही होस्टल से निकालने का ,अब ये सोचो अगर रात भर का टाइम लड़को को मिलता तो होस्टल का क्या होता ।। मुझे समझ मे आ गया था । 
 
Emotional time।
होस्टल से निकलते वक्त कुछ लड़को के आँखों मे आँशु भी देखे । बात ये थी कि पूरा पेपर देने के बाद कुछ लड़को को ऐसा लगने लगा था कि सायद वो फैल हो जाएंगे । ऐसे में सनी भी भावूक था । बात ये थी उसका दो पेपर अच्छा नही हुआ था । 

मेरे सभी पेपर बहुत अच्छे गए थे । मेरी पूरी उम्मीद थी कि मुझे सेकंड ईयर में जाने से कोई रोक नही सकता है । बस डर था तो सिर्फ फिजिक्स का मेरा पेपर बहुत ही खराब हुवा  था लेकिन ये उम्मीद थी कि 17 नंबर नही मिलेंगे तो ग्रेस से तो पास हो हिं जाऊंगा । और ऐसा ही हुवा था फिजिक्स में 20 नो आये थे । जब रिजल्ट आये थे तो मैं टोटल नो न देख कर ये देखा था बैक तो नही लगी है । मैक्सिमम लड़के ऐसे ही देखते है । पॉलीटेकनिक में  की पास है । या नही नंबर से कोई ज्यादा मतलब नही रखता है । बहुत कम ही लड़के रहते है । जो टॉप करने के बारे में सोचते है । मैक्सिमम लड़के सिर्फ पास होने से मतलब रखते है । 

सुपर सीनियरस के साथ कुछ पल। 
सभी लोग घर को  निकल रहे थे । हम रवीश समान ले जाकर नीरज सर् के रूम पे पहुच गए । नीरज सर् से हम बोले भी थे कि सर् आप जिसमे रह रहे है । उसमें हम लोगों को रूम दिला देंगे । सर लोगों का सायद एक पेपर बाकी था तभी तो हम रवीश प्लान बनाये थे । की तब तक हम लोग भी सर् के साथ रहेंगे  । नीरज sir भी अलाहाबाद के ही थे तो सर् बोले चलो हम लोग साथ मे ही चलेंगे । 

अचानक रविश ने प्लान बना लिया और घर चला गया बचा मैं अकेला । हा एक बात तो थी नीरज सर् मुझे इतना मानते थे । कि कभी लगा ही नही की मैं senior के रूम पे रुका हुन । नीरज सर् कही भी जाते तो मुझे ले जाते थे । बहुत सारी पार्टियों हुई थी । जिसमे अक्सर नीरज सर् मुझे ले गए थे । बहुत मस्ती किये थे। काफी सीनियर मैंम लोगों से भी मिला था । 

Last year में ये मोड सबके साथ होता है । gf and emotion।
एक और बात  अंतिम वर्ष के छात्र लोगो का ये तो लास्ट दिन  ही था अब इनको ओ आना नही था पता भी नही था कि ये  लोग मिलेंगे भी या नही ।। आप लोग सभी जानते हीअंतिम वर्ष के छात्र हो और gf हो तो क्या होता है । पेपर से ज्यादा चिंता तो उनको इस बात की रहती है । अब हम बिछड़ जायँगे और पता नही कब मिलेंगे । और मिलेंगे भी या नही ।
ऐसे में उनका ये प्लान रहता है । कि वो कितना ज्यादा से ज्यादा टाइम अपने मैडम को दे सके । और मैडम भी यही चाहती रहती है । कि वो कितना टाइम साथ मे स्पेंड कर सके । सर् के रूम पे रुकने का बहुत बड़ा एक्सपीरियंस मिला था मुझको । बहुत मजा आया था मुझको उनके साथ टाइम स्पेंड करके। अरी मैं तो नाम ही बताना भूल गया था उस लाज का नाम था लखपति भवन। वैसे वहाँ पे नीरज सर्, रवि sir ,अनुज sir ,अनील सर्, मनोज राय सर् रहते थे । वैसे आप इस दौर से गुजरे होंगे तो जरूर याद करोगे अपने लास्ट ईयर वाले इमोंशन वाली लाइफ का । आपकी मैडम जीने नही देती रही होगी । ये वो पल होता है । जब दोनों टेंशन आते है । जॉब का भी और मैडम से दूर होने का भी । 

एक और दिलचस्प स्टोरी मेरे आदरणीय सीनियर की ।
एक और दिलचस्प बात शुभम सिंह सर् एलेक्ट्रिनिक्स सेकंड ईयर इनसे जुड़ी एक दिलचस्प बात है । उस समय सुभम sir एक लड़की के प्यार में पागल थे । कही न कही मैडम भी प्यार में  इनके गिर ही गयी थी ।  उस मैडम पे बहुत बड़ा कॉम्पटीशन था बहुत लोग चाहते थे उस मैडम को ,सबसे बड़ी बात तो ये की उन्ही के ब्रांच के अनिरुद्ध रतन सर् भी उस कॉम्पटीशन में थे । अब ये तो पता नही लेकिन बात इनकी बजी हुवा करती थी ।। 
चलो पहले पॉइंट पे आते है। तो हुवा क्या था । सुभम सर् रघु sir को बहुत मानते थे । अक्सर रघु सर् से पढ़ने आया करते थे । मेरी मुलाकात पहले भी हुई थी । सर् मुझे बहुत अच्छे से जानते थे । उस समय सर् का दिमाक ही डाइवर्ट था इनका break up हो गया था । बोल मुझसे ऐसे ही रहे थे । 

Shubam सर् को दुख बहुत था   लेकिन जानते हो न लड़की छोड़ दे तो लड़का खुशी ही मनाएगा । यही कहेगा बहुत बहुत अच्छा हुवा । लेकिन नही ऐसा नही होता वास्तव में लड़कों को बहुत दुख होता है ।  अब वही हाल सर् का था sir तो दुखी बहुत थे लेकिन  दुख शेयर करे तों किस्से कोई था नही । अब मैं था तो जूनियर के सामने क्या करे । मुझसे शेयर तो कर नही सकते है । बाद में बताते है । सीनियर लोग से भी बता देते है । कि उनका break up हो गया । मजा तब अति है । दुख बहुत था इनको बाहर बाहर से खुसी दिखा रहे थे । हल्की हल्की बारिश हो रही थी। सर् बोले धर्मेन्द्र आज मैं बहुत खुश हूं । मुझे बारिश में ही लेजाकर डांस कर रहे है । कोई बात नही मैं भी सर् का साथ दे रहा था । अनिल सर् लोग देखकर बोल रहे थे । ये तो  पागल हो गया है । ha मुझे याद है । उस समय नया नया गाना आया था "आज फिर तुमपे प्यार आया है "  यही गाना बार बार लगाकर पानी मे नाचे और मुझे भी नचवा रहे थे । और हर बात पे बोलते थे । आज मैं बहुत खुश हूं । उसके बाद सर को घर जाना था साम को कोई ट्रैन जाती थी । मुझे भी लेकर स्टेशन तक गए थे सर् लेकिन ट्रेन निकल गयी थी। ऐसे  में sir बोले चलो कुछ तुम्हे खिलाते है । 

मनसा देवी मंदिर के सामने ही एक स्वीट की शॉप थी  वहाँ हमने  रश मलाई खाये । उसके बाद हम लोग फिर से रूम पे आ गए । sir प्लान बनाये की कल जायँगे । लेकिन उनके ब्रेक अप वाली खुसी ऐसी झलक रही थी कि सबको दिख रहा था कि अंदर से दुखी है । ऐसे में रघु सर् कुछ बोल दिए थे । जिससे उनका मूड बदला और बस से ही निकल गए थे sir । वैसे तुम जानते ही लव लाइफ में ब्रेक उप होते रहते है । फिर से इनका पैच उप हो गया । 


मेरा सीनियर मैम पे कमेन्ट करना।
इन्ही से जुड़ी एक और स्टोरी है। ग्राउंड में अक्सर अनिरूद्ध रतन sir आते थे। हम लोग अक्सर साथ मे बैठा करते थे।
अनिरुद्ध रतन सर् भी उन्ही को चाहते थे जिनको सुभम सर् पसंद  करते थे। 
एक दिन की बात है । मैंम एक लोग और , जैसवाल सर् नाम याद नही आ रहा पूरा मुझे उनके साथ बाहर जा रहे थे । तो  अनिरुद्ध sir मुझको लेकर पीछे पीछे लग गए । बोले चलो मैं जूनियर मैं सभी की बहुत रिस्पेक्ट करता था। परिवार होटल में हिं गए थे सब लोग जहाँ मैंम लोग बैठी थी उसी के पीछे हम भी बैठ गए थे। अब अनिरुद्ध सर् बोले इनपे कमेंट करो ,अब न करूं तो भी दिक्कत ,करू तो भी दिक्कत । सर् बोले उनको बोलो "one stone killed two birds"  इसका मतलब हमे सीधा पता चल रहा था । दो मैंम एक सर् है । मतलब एक लड़का दो लड़की पटा रखा है । जैसे ही मैं बोला मैंम लोग तो हंस ली लेकिन ankit जैसवाल सर् गहरी नजर से देख रहे थे मुझे। मैम लोगों ने हम लोगों को भी साथ बुला लिए और भी बातें हुई। 

चलो मैं तो सोचा बच गया अब वाह से वापस लौटे ग्राउंड आये ।  मैं तो डर रहा ही था अनिरूद्ध सर् बोले कोई कुछ कहेगा तो मुझे बताना । 

मनीष sir का फ़ोन रवीश के पास आता है । कि मुझको मनीष sir अपने रूम पे बुलाये है । ये सुनते ही मैं तो डर गया  था और पहले अनिरुद्ध सर् को बताया सर् बोले जाओ कुछ नही कहेगा । मैं तो डर ही गया था । जाने से पहले नीरज सर् को कॉल करके बता दिया था । सर् ऐसा है । तो sir बोले जाओ तुम कुछ नही होगा मैं कॉल करता हूँ उसको कुछ नही कहेगा । मैं डरते हुए  मनीष सर् के रूम पहुंचा । वहाँ पहुंचा तो देखा वहां पे कई sir थे । सौरभ सर्, विवेक सर्, सुभम सर्, मैं सुभम सर् से पहले बहुत मिला था । वो मुझे जानते थे । वो मुझे बचा लिए थे । वैसे कोई कुछ बोला नही मुझे बस थोड़ा मस्ती मेरे साथ किये थे। मुझसे डांस भी करवाये थे। डांस तो आता नही है । मुझे बस बराती डांस थोड़ा आता है । वही कर दिया था । ये कह सकते हो कि वह पे मेरी फिर से रैंगिंग हो गयी थी। 

और मुझे अच्छा लगा था । क्योंकि और भी सीनियर से मुलाकात हुई । ऐसी थी मेरी कॉलेज  लाइफ stroy।

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